Monday, August 19, 2013

इश्क़


तेरी आँखों मे ही चढ़ते देखा था
जिसे हम इश्क़ समझ बैठे थे

मैखाने में आज हम वही चढ़ाते है |

Sunday, August 11, 2013

ज़िंदगी


आँख मूंद, दो कदम चलके देखो
आत्मविश्‍वास क्या है जान जाओगे

सरसराती हवाओं मे आज़ाद होके घूमों
उड़ान क्या चीज़ है, जान जाओगे

धड़कनों को कभी सुनके देखो
संगीत क्या है, जान जाओगे

दो पल साँसें रोक के देखो  
ज़िंदगी क्या है, जान जाओगे |

Thursday, August 1, 2013

रांझणा


उस तस्वीर में वो उसे
कुछ यूँ निहार रहा था
मानों खुला आसमान हो
और बस चाँद पे नज़र हो


एक पल था वो, या एक घड़ी
नैन खुले थे, और नैन मिले थे
होठ सिले थे, पर बोल निकले थे
बस ये एक किस्सा ही था ....

....या हर रांझणा की कहानी |