खर्च करने के लिए अल्फ़ाज़
ना उनके पास, ना मेरे पास
नज़रों से कुछ गीत लिखे
खामोशियों से संगीत दिया
सरसराती हवाओं से उन्हे
उनके कानों तक पहुँचाया
मन्न मे छुपे हुए ख़यालों को
उनके दिल के पते पे भेजा
ग़रीबी का ऐसा मंज़र छाया
फिर भी हमने प्यार किया |
ना उनके पास, ना मेरे पास
नज़रों से कुछ गीत लिखे
खामोशियों से संगीत दिया
सरसराती हवाओं से उन्हे
उनके कानों तक पहुँचाया
मन्न मे छुपे हुए ख़यालों को
उनके दिल के पते पे भेजा
ग़रीबी का ऐसा मंज़र छाया
फिर भी हमने प्यार किया |