...ना ख़ामोश सहर है ना खामोश शाम
शोर ही शोर मचा है बस चारो पहर ...
...मौन चीखता है तबसे कानों में हर दम
जब से बनवाया है हाइवे पे अपना घर...
शोर ही शोर मचा है बस चारो पहर ...
...मौन चीखता है तबसे कानों में हर दम
जब से बनवाया है हाइवे पे अपना घर...
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