Monday, January 22, 2018

बंदर

नहीं नहीं, हम आज भी बंदर ही है 
इंसान तो कभी बन ही नही पाए 
इंसान बनने की तो बस ग़लतफमी हो गयी थी 


Darwin ना हो गये, की कोई बड़के Scientist 
अब आप ही बतलाओ 

गर हम इंसान होते, और बंदर ना होते 
तो थोड़े ना हम नकलची होते...
ये copy-paste का चलन
ये नक़लचिपन ही तो है..

ये बंदर ही तो है ..
हम बंदर ही तो है ..

और तो और, अगर हम बंदर ना होते 
तो थोड़े ना बापू हमको 
तीन बंदरों वाला सिधान्त देते 

हाँ, पर ये ज़रूर है की 
वो सिधान्त थोड़ा बदल गया है 
वो अब
बुरा ना देखो, बुरा ना सुनो, बुरा ना बोलो नहीं रहा 
वो अब 
कुछ ना देखो, कुछ ना सुनो, कुछ ना बोलो, हो गया है |

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