मुझे नहीं समझ घाटी की
वहाँ की सुंदर वादियों की
वहाँ से बहती नदियों की
वहाँ की राजनीति की
वहाँ रहने वाले लोगो की
और उनके सोच की
वहाँ हुए पंडित निष्क्रमण की
वहाँ हुए मानव अधिकारों के शोषण की
वहाँ पनप रहे आतंकवाद की
वहाँ पनप रहे अलगाववाद की
वहाँ रहे राम या रहीम की
मुझे समझ है, तो बस
इंसान और इंसानियत की
इंसान है, उसे इंसान रहने दो
नागरिक, सैनिक या आतंकवादी में मत बाँटो |
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