माँ, बाबा, भाई, बहन से लेकर,
बस स्टेंड तक मिलने वाले राहगीर को
बस मे ड्राइवर से लेकर, साथियों को
स्वतंत्रता दिवस की मुबारक बाद देना |
देश भक्ति की धुन मे स्कूल पहुँचना,
प्रार्थना स्थल पे पंक्ति मे लगना
ध्वजारोहण पे सलामी देना
और राष्ट्रगान पे सावधान मे खड़े होना
वापस आते हुए अपने लड्डू लेना |
हाँ माना लड्डू के लिए ही सही
पर एक जज़्बा था, एक जुनून था
यादें है जो बचपन मे पिरोयी थी
स्वत्रंता दिवस की, और आज..
छुट्टी से बढ़कर कुछ और नही बचा |
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