Tuesday, August 28, 2012

सोच

ऐसा कुछ भी तो नही, 
जो बदल गया हो 
पिछले कुछ सालो में

वही हिन्दुस्तान, वही पाकिस्तान 
वही आपस में चल रहे मैच का रोमांच
वही झगड़े, वही विस्फोट और वही आतंकवाद 

यहाँ तक की वही सोच - 
गर पैदा हुआ होता विभाजन से पहले 
तब भी सोच रहा होता यही उस रोज़

विभाजन के बाद सचिन होगा किस और
हिन्दुस्तान या पाकिस्तान ?
कभी ... ये ख़याल नही आया होता -

कि काश ये विभाजन ही ना हो |

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