मच गया था वहाँ पे हाहाकार
उमड़ पड़े थे यूँ झुंड मे सब,
जाने मौका मिलेगा ऐसा फिर कब
पहले आओ, पहले पाओ,
ऐसा कोई हिसाब ना था
जिज्ञासा में फिर भी हमे,
अब और इंतज़ार ना था
कागज का एक टुकड़ा,
काले अक्षरों से कुछ उकेरा
टर्मस् एंड कंडीशन लागू,
बगल मे चमकता सितारा
साथ मे जो शर्ते रखी थी,
वो हमने नहीं पढ़ी थी
मूल अधिकारों के साथ
कर्तव्य की किसे पड़ी थी |
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